आ चलें बन
दीप दीवाली मनायेंगे ।
मन में ना
आये व्यथा,
लिखें उजाले
की कथा,
एक दिन तुम
देखना मन मुस्करायेंगे |
नयन जिनमें
तम भरा हो,
पग वो जिसमे
कोहरा हो,
आस की लाकर
किरण उनको सजायेंगे |
आ सहेजें
सबको आओ
सुर से सुर
अपना मिलाओ,
गुनगुना कर
एकता के गीत गायेंगे ।
नयन से आ
द्वेष झरता
नीर मन का
आ सहमता,
पीर की होली जलाकर मन रंगायेंगे ।
एक दिन तुम देखना
मन मुस्करायेंगे ||
दीप दीवाली मनायेंगे ।
मन में ना
आये व्यथा,
लिखें उजाले
की कथा,
एक दिन तुम
देखना मन मुस्करायेंगे |
नयन जिनमें
तम भरा हो,
पग वो जिसमे
कोहरा हो,
आस की लाकर
किरण उनको सजायेंगे |
आ सहेजें
सबको आओ
सुर से सुर
अपना मिलाओ,
गुनगुना कर
एकता के गीत गायेंगे ।
नयन से आ
द्वेष झरता
नीर मन का
आ सहमता,
पीर की होली जलाकर मन रंगायेंगे ।
एक दिन तुम देखना
मन मुस्करायेंगे ||