Wednesday, October 15, 2014

तुम्हारे लिए ---- गीता पंडित

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तुम्हारे लिए_______

मैंने तुम्हारे लिए संभालकर रखे हैं
थोड़े से फूल
जो मह्कायेंगे तुम्हें तब
जब होगी इनकी जरूरत तुम्हें सबसे ज़्यादा
थोड़े से सपने
जो तुम्हें उकसाते रहेंगे
कुछ और नया करने के लिए
थोड़ी सी खुशी
जब तुम होगे बहुत उदास
अपना पूरा साथ जब तुम होगे
बहुत तन्हा
और बहुत सारा प्रेम
ताकि दुनिया को देख सको एक प्रेमी की तरह
जाओ सारी पृथ्वी आकाश
सूरज चाँद तारे
पेड़ पौधे फूल पत्ते झरने पहाड़
सब हैं तुम्हारे
केवल तुम्हारे
मेरे बच्चे ! 

..... - गीता पंडित 
10/15/2014

( विभोर के साथ सभी युवाओं को अशेष शुभ कामनाओं के साथ सप्रेम समर्पित )

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