Friday, September 14, 2018

भूख से वो हार बैठा --गीता पंडित की एक ग़ज़ल


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भूख  से  वो   हार  बैठा
देह   अपनी   मार  बैठा

है   नहीं   क़ानून   कोई
ये  समय  खो  धार बैठा


इल्म  ठोकर   खा रहा है
आप  में  वो   भार बैठा

आँधियों   ने  क़हर  ढाए
आम  अश्रू   झार   बैठा

नम समय की आँख"गीता”
सात   सुर  वो  हार बैठा ।


गीता पंडित
१४ सितम्बर २०१८