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आओगे ना ____
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आओगे ना ____
क्योंकि मैं
अब शब्दों में रहती हूँ
इसलिए जब मैं नहीं होऊँगी
तब भी शब्द होंगे
जो दोहराएंगे मेरा होना
मेरे ना होने पर भी
शब्द जो
अजर हैं अमर हैं
अर्थवेत्ता हैं
सुनो इन्हीं अर्थों में
छिपा होगा मेरे होने का रहस्य भी
अगर कभी मिलना हो मुझसे
तो चले आना मेरे शब्दों में
मैं वहीं हंसती रोती मुस्कराती हुई
आपसे मिलूंगी
आओगे ना !!!!!
गीता पंडित
25/12/15