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ये भ्रम है या कोई सपना ____
सबका इतना मिला स्नेह कि
आँसू छलक गये
सदियों से थी रही पिपासित
नदिया बड़ी अकेली
यहाँ मिल गये साथी संगी
कितनी मिली सहेली
प्रेम निधि है सबसे प्यारी
आँसू पलक गये
ये भ्रम है या कोई सपना
चाहे जो भी हो
पल भर की जो खुशी मिली है
उनको गह भी लो
बातें करते - करते देखो
आँसू ढलक गये
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गीता पंडित