भाव-कलश
भाव तुम्हारे तुम्हें समर्पित, अंतर्मन के धारे हैं, गीतों में भरकर जो आये मन के वेद उचारे हैं||
Wednesday, March 23, 2011
नत है मस्तक...
देकर के बलिदान तुम्ही ने, माँ का शीश उठाया है,
देश प्रेम का पाठ तुम्ही ने, हमको आज पढ़ाया है,
नमन तुम्हें ए वीर जवानों तुम सपूत भारत माँ के,
तुम्हें याद करके देखो अखियों में बादल छाया है||
... गीता पंडित...
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